प्रदेश के हर किसी ट्रैफिक सिग्नल पर रोज के नजारे हैं… बस हो या कार… लाल बत्ती होते ही भिखारी इनकी ओर टूट पड़ते हैं। बात चाहे बल्लभगढ़ के किसी मोड़ या फिर किसी भी व्यस्त चौराहे की… हर जगह भिखारियों का हुजूम अक्सर दिखाई देता है। हालांकि वाहन चालकों और राहगीरों को इससे काफी परेशानी होती है। इस बारे में जब डिप्टी लेबर कमिश्नर से बात की गई तो उन्होंने बताया कि भीख मांगना कानूनन अपराध है। सरकार ने भिक्षावृति को खत्म करने के लिए कई योजनाए चला रखी हैं…और लोगों को इसका फायदा भी मिल रहा है। बेशक सरकार इस समस्या को जड़ से ख़त्म करने के लिए मुस्तैदी दिखा रही हो… लेकिन अब भी सड़क किनारे भिखारियों की संख्या में कोई कमी नजर नहीं आ रही है। बल्कि समय के साथ ये और संगठित और फैलता हुआ एक व्यवसाय नजर आने लगा है। अगर सरकारी आंकड़ों पर नजर दौड़ाई जाए तो प्रदेश में 50 फीसदी भिखारी प्रदेश के पड़ोसी राज्यों से आए हुए हैं। कई एजेंसियों के सर्वे में ये बात भी सामने आई है कि भीख मांगने वाले इन लोगों में कई तो पढ़े-लिखे युवा भी हैं, जो रोजाना कम से कम 100 रुपए तो कमा ही रहे हैं।