लाडवा में या इसके आस पास के किसी गांव में अगर आग लग जाये तो इसके लिए फायर बिग्रेड की गाड़ी का इंतजार करना बेवकूफी है… लाडवा के फायर बिग्रेड स्टेशन में दो गाड़ियां हैं जिनमें से एक को तो जंग लग चुका है जबकि जो दूसरी है वो भी कुरुक्षेत्र से उधार मांगी हुई है जो कहीं भी किसी भी वक्त जबाव दे सकती है… तहलका की टीम ने जब लाडवा फायर बिग्रेड स्टेशन का जायजा लिया तो ये सच सामने आया। लाडवा कस्बा… करीब 150 गांव, घनी आबादी और ओधौगिक इकाइयां भी… लेकिन मूलभूत सुविधाएं ना के बराबर… शहर में फायर बिग्रेड की गाड़ियों का जनाजा निकला हुआ है… स्टेशन को महज एक गाड़ी दी गई थी जो कि अब 26 साल बाद खुद जर्जर हालत में हैं…. ऐसा नहीं है कि इसकी शिकायत उपर तक नहीं की गई हो लेकिन प्रशासन शायद किसी बड़े हादसे के होने का इंतजार कर रहा है…

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