हरियाणा विदयालय शिक्षा बोर्ड के दसवीं कक्षा के परिणाम घोषित कर दिए गए हैं। इस बार भी लड़कियों ने ही बाज़ी मारी है। इस बार पास छात्रों का प्रतिशत काफी गिर गया है। हरियाणा शिक्षा विभाग भी इसकी वजह तलाशने के लिए मंथन करेगा। लेकिन प्रारम्भिक स्तर पर हासिल जानकारी के अनुसार पास रिजल्ट खराब आने मुख्य कारण स्कूल असैसमैंट और बोर्ड द्वारा ली जाने वाली परीक्षा के नंबरों को अलग-अलग करना बताया जा रहा है। जानकारों के अनुसार पहले दोनों के नंबर जोड़ कर परीक्षा परिणाम निकाला जाता था। स्कूल द्वारा प्रत्येक विषय में की जाने वाली तीस नंबर की असैसमैंट में आम तौर पर 25 से 30 तक नंबर दे दिए जाते थे। ऐसे में बोर्ड परीक्षा में 70 में से महज 5 से 10 नंबर हासिल करने वाला परीक्षार्थी भी पास हो जाता था। बोर्ड अध्यक्ष के.सी. भारद्वाज का कहना है कि अबकी बार नकल पर प्रभावी अंकुश लगाया गया है और साथ ही परीक्षा का स्तर सुधारने के लिए बोर्ड और शिक्षा विभाग ने कई कदम उठाए हैं, जिनके दूरगामी सुखद परिणाम निकलेंगे।