आज चौधरी चरण सिंह की जयंती है। आज के ही दिन 23 दिसंबर को 1902 को मेरठ के नूरपुर गांव में एक साधारण जाट परिवार में इनका जन्म हुआ । चौधरी चरण सिंह के जीवन पर उनके पिता चौधरी मीर सिंह के नैतिक मूल्यों का गहरा प्रभाव पड़ा था। चौधरी चरण सिंह ने आगरा विश्वविद्यालय से कानून की शिक्षा ग्रहण की और गाजियाबाद में वकालत प्रारंभ की। वकालत जैसे पेशे में भी उन्होंने कभी भी गलत व्यक्ति का समर्थन नहीं किया और हमेशा ही न्याय का समर्थन किया ।1930 में जब महात्मा गांधी ने सविनय अवज्ञा आंदोलन का आह्वान किया तो युवा चौधरी ने हिंडन नदी पर नमक बनाकर उनका साथ दिया। गांधीजी का साथ देने की वजह से उन्हें 6 महीनों के लिए जेल भी जाना पड़ा । चौधरी चरण सिंह ने अपनी योग्यता और प्रशासनिक क्षमता की बदौलत देश के प्रधानमंत्री के पद को भी सुशोभित किया, हालांकि उनका प्रधानमंत्री का कार्यकाल थोड़े समय के लिए ही रहा। अगर वे प्रधानमंत्री का एक सत्र भी पूरा करते तो इसमें संदेह नहीं कि आज किसानों की स्थिति कुछ और बयां करती। 29 मई 1987 को जनमानस का यह नेता इस दुनिया को छोड़कर चला गया।

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