हिसार जिला प्रशासन को दोहरी मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है। एक तरफ जहां बरवाला में सतलोक आश्रम प्रकरण के चलते प्रशासन दबाव में रहा तो वहीं दूसरी और पिछले तीन दिनों से 80 गांवों के हजारों किसानों ने अपनी मांगों को लेकर लघु सचिवालय में पड़ाव डाल रखा है।
किसान पीने और सिंचाई के पानी के लिये सांझा जल संघर्ष समीति के बैनर तले हिसार के लघु सचिवालय में पिछले तीन दिन से धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं। इन किसानों के मुताबिक मुख्य रूप से गांव बालसमंद, बुडाक, चौधरीवास, कुतियांवाली, नियाणा, बांडाहेडी, खारियां, डोभी, आदि गावं में पानी की समस्या है। पिछले करीब दस साल से उनके साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है।
किसानों ने चेतावनी दी है कि जब तक उनकी मांगों का हल नहीं होता वो यहीं डटे रहेंगे। इन किसानों ने आरोप लगाया कि एक महीने में सिर्फ एक हफ्ते ही नहरों में पानी आता है। जिससे उनकी फसलें सूखने की कगार पर हैं। उपर से जमीनी पानी नमकीन होने के कारण पीने के पानी की भी गंभीर समस्या है। किसान नेताओं के अनुसार प्रशासन ने उनकी कोई सुध नहीं ली। जिसके चलते उन्हें मजबूरन ये कदम उठाना पड़ा है। बहरहाल, अभी तक तो जिला प्रशासन रामपाल मामले में व्यस्त होने की बात कह किसानों की समस्या का हल निकालने से पीछे हट रहा था लेकिन अब धरने पर बैठे किसानों ने अपना आंदोलन तेज करने का मन बना लिया। ऐसे में देखना होगा जिला प्रशासन किसानों की पानी समस्या को कैसे और कब तक हल कर पाता है।