लाडवाः कहने को तो सरकार स्वास्थ्य सुविधाओं को बहाल करने में जुटी है लेकिन जो हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है। दरअसल लाडवा का सरकारी अस्पताल जहां पर रोजाना करीब 400 मरीज अपना इलाज करवाने आते हैं। आश्चर्य वाली बात है कि यहां पर सिर्फ एक ही डॉक्टर है। यहां पर ज्यादातर डॉक्टरों की कुर्सियां खाली ही पड़ी हैं। तो कई कमरों के ताले जड़े हुए हैं। जिससे यहां पर आने वाले मरीजों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

वहीं यहां पर तैनात इकलौते डॉक्टर की माने तो यहां पर सब सही चल रहा है लेकिन यहां पर तैनात किये डॉक्टर उच्च शिक्षा के लिए बाहर चले गए है जिसके चलते उन्हे अकेले ही मरीजों को संभालना पड़ रहा है ।

लाडवा का सरकारी अस्पताल अब रामभरोसे ही चल रहा है। करीब तीस हजार की आबादी वाले इस इलाके के लिए अब ये स्वास्थ्य सुविधाओं के नाम पर महज एक सामान्य अस्पताल ही रह गया है। जहां पर मरीज तो है लेकिन डॉक्टर नहीं।

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