आज विश्व एड्स दिवस है। इस दिन की शुरूआत 1 दिसंबर 1988 को हुई, जिसका उद्देश्य, एचआईवी एड्स से पीड़ित लोगों की मदद करने के लिए धन जुटाना, लोगों में एड्स को रोकने के लिए जागरूकता पैदा करना और एड्स से जुड़े मिथकों को दूर करते हुए लोगों को शिक्षित करना है।
एड्स की बीमारी अभी भी हमारे-आपके बीच है और इसे लगातार खत्मकरने की कोशिशों में आपको भी आगे आना होगा। यूएनएड्स की एक रिपोर्ट बताती है कि अब तक 34 मिलियन के करीब लोग एड्स से पीड़ित है और पिछले पांच सालों में करीब 2 मिलियन लोगों की मौत हो चुकी है। आज भी दुनियाभर के सारे महाद्वीपों में एड्स अपनी जड़ें जमाए हुए हैं।
बहरहाल आज के दिन को मनाने का उद्देश्य भले ही एड्स के प्रति लोगों को जागरूक करना है, यानि इसके लक्षण, इससे बचाव, उपचार और कारण के बारे में जानकारी देना है। पर भारत में आज भी एड्सके पीड़ित ये स्वीकारने से कतराते हैं कि वो इस बीमारी से पीड़ित हैं। लिहाजा ऐसी मानसिकताओं पर गौर करें तो आज एडस के हर पहलू पर गौर करने की जरूरत है।