प्रदेश में प्राइवेट बसों को दिए गए परमिट की अवधि 31 जनवरी को खत्म होगई है। जहां निजी बस मालिक प्रदेश सरकार के अगले आदेशों का प्रतीक्षा कर रहे हैं, तो वहीं कई रूटों पर बिना परमिट के निजी बसें धड़ल्ले से अभी भी चल रही हैं, लेकिन निजी बसें बंद होने के कारण लोगों को भी खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
जीन्द में ग्रामीण रूटों पर चलने वाली लगभग 37 बसें प्रभावित हुई हैं। जिसके कारण लोगों के साथ-साथ बस मालिककों को भी खासी परेशानी का सामना कर पड़ा है। अभी तक सरकार ने इन निजी बसों को दोबारा परमिट देने के बारे में कोई फैसला नहीं लिया है।
लेकिन कुरुक्षेत्र में बिना परमिट के सैकडों प्राइवेट बसें सड़कों पर चल रही हैं। हालांकि पुलिस इस बसों पर कार्रवाई करने की बात कह रही है। वहीं, आरटीओ अधिकारियों की मानें तो ये मामला पूरे राज्य का है और वो प्रदेश सरकार के अगले आदेशों का इंतजार कर रहे हैं।
दरअसल, 23 जनवरी 2015 को पंजाब एंड हरियाणा होईकोर्ट ने साल 2013 की नीति के तहत निजी बसों को परमिट दिए जाने के आदेश सरकार को दिए थे। जिनकी एवज में हरियाणा सरकार ने निजी बसों को एक-एक महीने की अवधि के अस्थाई परमिट जारी किए थे। अब वर्तमान में उन परमिटों की अवधि 31 जनवरी को खत्म हो गई। अब निजी बसों को परमिट दिए जाने सम्बधी आदेश का मामला हरियाणा सरकार के पास विचाराधीन है और निजी बस मालिक सरकार के आदेशों की प्रतिक्षा कर रहे हैं।