ऐलनाबाद  नगरपालिका की ओर से एसडीएम कॉम्‍पलेक्‍स में शहर की गलियों के निर्माण के लिए दो करोड़ रूपये के टेंडर आवंटित किए गए। पहले तो इन टेंडर्स को रद्द कर दिया गया लेकिन बाद उन्‍हें मंजूरी के लिए डीसी के पास भेज दिया गया। मंगलवार को आंवटित किया गया ऐलनाबाद नगर पालिका का दो करोड़ का टेंडर विवादों में रहा। दरअसल नगरपालिका की ओर से एसडीएम कॉम्‍पलेक्‍स शहर की गलियों के निर्माण केब लिए दो करोड़ के टेंडर आवंटित किए गए। जिसमें क्षेत्र की केवल 4 सोसायटियों ने आवेदन किया। इस टेंडर प्रक्रिया में ठेकेदारों ने 18 से लेकर 40 प्रतिशत तक ऊंची दर से टैंडर भरने की वजह से इसे रद्द कर दिया गया। टेंडर रद्द होने के बाद ठेकेदारों ने एसडीएम प्रभजोतसिंह से मिलकर इस टैंडर को रद्द न करने की गुहार लगाई। और एसडीएम ने उन्हें नगरपालिका सचिव से मिलकर बातचीत करने को कहा। नगरपालिका सचिव से बातचीत के बाद टेंडर को मंजूरी के लिए डीसी के पास भेज दिया गया। ठेकेदारों की नगरपालिका सचिव से क्‍या बात हुई और वो रद्द किए गए टेंडर्स को कैसे पास करने पर राजी हो गए,, ये तो समझ से परे है। लेकिन ऐलनाबाद की नगरपालिका का विवादों से पुराना रिश्‍ता है। जो टेंडर मंगलवार को आवंटित किए गए वो पिछले काफी समय से पड़े थे। और अगर आनन फानन में इन टेंडर्स को आवंटित न किया गया होता वो 31 मार्च को लेप्‍स हो जाते।

 

 

 

 

रद्द करने के बावजूद ‘सैटिंग’ कर छोड़े गए नगरपालिका के टैंडर

 

एंकर बाईट– ऐलनाबाद नगरपालिका की ओर से एसडीएम काॅम्पलैक्स में शहर की विभिन्न गलियों के निर्माण के लिए करीब दो करोड़ रुपयों के टैंडर आयोजित किए गए। लेकिन इस टैंडर में भाग लेने वाली सोसायटियों द्वारा बहुत अधिक ऊंचे मूल्य पर काम की दरें भरने से एक बार तो नगरपालिका सचिव द्वारा यह टैंडर रद्द कर दिया गया। लेकिन बाद में एसडीएम के आदेश पर नगरपालिका ने ठेकेदारों से सैटिंग करके इन्हीं टैंडरों को मंजूरी के लिए डीसी के पास भेज दिया है।

 

स्टोरी—ऐलनाबाद नगरपालिका की ओर से शहर की करीब 75 अधूरी पड़ी गलियों के निर्माण को लेकर आज एसडीएम प्रभजोतसिंह की मौजूदगी में टैंडर आयोजित किए गए थे। इस प्रक्रिया में भाग लेने के लिए क्षेत्र की केवल 4 सोसायटियों ने आवेदन किया। जिसमें ऐलनाबाद गुरुकृपा, ऐलनाबाद राज, तलवाड़ाखुर्द मैहता तथा नाईवाला गोल्डन के नाम शामिल हैं। इन 75 गलियों के निर्माण के लिए कुल 116 फार्मों की बिक्री हुई। लेकिन इन ठेकेदारों द्वारा 18 से लेकर 40 प्रतिशत तक ऊंची दर से टैंडर भरने की वजह से एसडीएम प्रभजोतसिंह के आदेश पर नगरपालिका ने इन टैंडरों को रद्द कर दिया। नगरपालिका के सचिव गिरधर गोपाल ने इस टैंडर को रद्द करने की घोषणा करते हुए सभी विकास कार्यों को विभाग द्वारा करवाने की बात कही।

इधर, इस टैंडर में भाग लेने वाले ठेकेदारों ने एसडीएम प्रभजोतसिंह से मिलकर इस टैंडर को रद्द नहीं करने की गुहार की जिस पर एसडीएम ने उन्हें नगरपालिका सचिव से मिलकर बातचीत करके सैटिंग कर लेने को कहा। बाद में नगरपालिका सचिव ने देर शाम तक ठेकेदारों से बातचीत करके इन्हीं रद्द हुए टैंडरों को मंजूरी के लिए सिरसा के डीसी को भेज दिया है।

इधर, नगरपालिका द्वारा बार-बार नियमों में बदलाव कर पूर्व में चार बार टैंडर रद्द करने से गुस्साए कुछ ठेकेदारों ने पिछले दिनों एसडीएम प्रभजोतसिंह व नगरपालिका प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की थी। वहीं उक्त ठेकेदारों ने आज के टैंडर को रद्द करने के लिए कोर्ट में स्टे का आवेदन कर रखा है, जिस पर फैसला आना अभी बाकी है।

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