रोहतक में ऑल इंडिया बाबा बन्दा सिंह बहादुर संस्था की ओर से एक कार्यक्रम करवाया गया। इस मौके पर मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने हुड्डा भी पहुंचे। उन्होंने यहां से एक विशाल चेतना यात्रा को हरि झंडी दिखाकर रवाना किया। इस चेतना यात्रा में बन्दा सिंह बहादुर के शस्त्र, वस्त्र, सोने जड़ित तीर कमान और साज सज्जा के दूसरे सामान की एक झांकी भी लगाई गई है। ये यात्रा गुरू ग्रन्थ साहब की छत्रछाया में हरियाणा, पंजाब और हिमाचल प्रदेश से होती हुई 11 अप्रैल को डेरा बाबा बन्दा बहादुर रियासी जम्मू कश्मीर पहुंचेगी। मुख्यमंत्री हुड्डा ने चेतना यात्रा की सफलता के लिए शुभकामनाएं दी। गुरू गोबिन्द सिंह ने 1708 में माधो दास बैरागी को बन्दा सिंह बहादुर बनाया था। बंदा बहादुर को नान्देड़ से पंजाब की ओर भेजा और आम जनता पर हो रहे अत्याचारों का खात्मा करने के आदेश दिया गया। इसी मिशन को लेकर बाबा बन्दा बहादुर ने 1710 में सरहिन्द के नवाब, जिसने गुरू गोबिन्द साहब के छोटे साहबजादों को दीवार में चिनवा दिया था, को हराकर सिख राज्य की नींव रखी। 1713 में वे जम्मू की त्रिकुटा पहाड़ियों में पहुंचे, जहां उन्होंने बेरी एक पेड़ के नीचे बैठकर तपस्या की। ये बेरी आज भी वहां है। इसी तपोस्थली पर बाद में डेरा बाबा बन्दा बहादुर की स्थापना हुई। उसे आज 300 वर्ष पूरे हो गए हैं।

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