अनाज मंडियों में गेहूं की खरीद बिना किसी दिक्कत के साथ चलती रहे इसके लिए राज्य सरकार भले ही बड़े बड़े दावे कर रही हो, लेकिन उसके ये दावे जगाधरी अनाज मंडी में जमीन पर नजर आ रहे हैं। लोगों की माने तो यहां तोल के लिए मौजूद सरकारी कांटा चालू हालत में नहीं है. मंडी में किसानों के लिए दूसरी तरह की व्यवस्था भी नहीं की गई है। जगाधरी स्थित अनाज मंडी में गेहूं की खरीद को लेकर किए गए दावों की कलई खुल गई है। मंडी में लगा तोल के लिए कांटा महज शो पीस बना हुआ है, बताया जाता है कि कांटे को वजूद में आए तीन साल हो गए लेकिन ये चल नहीं रहे हैं। अनाज मंडी में आढती सिर्फ कांटे के खराब होने से ही परेशान नहीं है, बल्कि उनकी माने तो मंडी में ना तो पीने के पानी का ही बेहतर इंतजाम है और ना ही सड़कें दुरुस्त हैं। शौचालयों पर भी ताले लटके हैं। इस बाबत जब जिला खाद्य आपूर्ती नियंत्रक और माक्रेट कमेटि के सचिव से बात की गई तो उन्होंने जल्द से जल्द समस्याओं को दूर करने की बात कही। मंडी में किसानों को किसी भी तरह की दिक्कत ना आने देने की भले ही लाख दावे किए जाए, लेकिन जमीनी हकीकत यहीं नजर आ रही है कि अभी भी कई जगहों पर खामियां है जिन्हें दूर करना बाकी है।