दुर्घटना में घायल इंसान को अगर समय पर एम्बुलेंस मिल जाए तो उसकी जान बचाई जा सकती है. यही वजह है की स्वास्थ्य विभाग एम्बुलेंस सेवा पर काफी ध्यान देते हैं. हरियाणा में भी स्वास्थ्य विभाग इस दिशा में पूरा ध्यान दे रहा है. राज्य में इस समय 280 के करीब एम्बुलेंस हैं. सर्कार अब इनमे और बढौतरी करने जा रही है. सरकार जल्दी ही 90 नई बेसिक लाइफ स्पोर्ट एम्बुलेंस (बीएसएल) खरीदने जा रही है. इसके अलावा पुरानी एम्बुलेंसों को भी 21 नई एडवांस लाइफ स्पोर्ट एम्बुलेंसों से बदला जाएगा। हरियाणा में हर जिले में एम्बुलेंस सेवा को मजबूत करने के दावे हरियाणा सरकार कर रही है. सरकार का दावा है की राज्य में हर क्षेत्र में एम्बुलेंस की सुविधा उपलब्ध करवा दी गई है. राज्य में इस समय लगभग 280 एम्बुलेंस हैं. राज्य सरकार जल्दी ही 90 के करीब नई एम्बुलेंस खरीदने जा रही है. इसके बाद कुल एम्बुलेंस की संख्या पौने चार सौ के आस पास हो जायेगी. राज्य में स्वास्थ्य विभाग के मुख्या संसदीय सचिव राम किशन फौजी के मुताबिक़ राज्य में एम्बुलेंस सेवाओं की स्थिति बहुत अछ्छी है और जहाँ भी जरुरत होती है अधिकतम 40 मिनट में एम्बुलेंस पहुँच जाती है. राम किशन फौजी के मुताबिक़ सभी एम्बुलेंस में बढ़िया चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध करवाई गई हैं. साथ ही सभी में जीपीएस भी लगा है ताकि एम्बुलेंस की स्थिति का भी विभाग को पता हो. फौजी का दावा है की जिसे भी एम्बुलेंस की जरुरत होती है वह 102 नम्बर पर कॉल करके एम्बुलेंस की सुविधा ले सकता है. उनके मुताबिक़ जहाँ गरीब परिवारों को यह सुविधा मुफ्त में मिलती है वहीँ बाकी को थोड़े से पैसे इस सुविधा के लिए देने होते हैं. एक अनुमान के मुताबिक़ प्रदेश में रेफरल ट्रांस्पोर्ट स्कीम के तहत करीब 1100 रोगी प्रति दिन सहायता प्राप्त करते है। इसके तहत प्रति दिन प्रति वाहन  के लिए औसतन चार कॉल आती रही है। इसमें जिला अस्पतालों में करीब 5-8 कॉल प्रति दिन तथा पीएचसी और सीएचसी पर करीब 1-3 कॉल प्रति दिन सुनी जाती है। वर्ष 2009-10 के दौरान स्वास्थ्य वाहन सेवा के लिए 1.2 तथा वर्ष 2010-11 के दौरान 2.08 कॉल आती है। रोगियों की कॉल पर स्वास्थ्य वाहन द्वारा प्रतिक्रिया का समय मात्र 18 मिनट है जबकि रोगियों को स्वास्थ्य सेवाओं के लिए सीएचसी, पीएचसी तथा सामान्य अस्पतालों में पहुंचाने का मात्र 42 मिनट का समय लिया जाता है। इससे रोगियों को चिकित्सा सुविधा प्राप्त करने में कोई दिक्कत नही होती और उन्हें आसानी से चिकित्सा प्राप्त हो जाती है.

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