हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण ने नई एक्सटेंशन पालिसी लागू कर दी है।  अब से हूडा के प्लॉट पर निर्माण की समय सीमा को ख़त्म कर दिया गया है। अब प्लाट के मालिक को निर्माण के लिए दो साल मिलेंगे और इसके बाद अगले एक से दो साल तक जुर्माना देकर वह प्लाट का निर्माण अपने हिसाब से कर सकता है। इस नई पॉलिसी से प्रदेश के हजारों प्लाट धारकों को लाभ होगा। हुडा के प्लाट धारकों को विभाग ने बड़ी रहत दी है। विभाग ने अपने नियमों को बदलते हुए उन प्लाट धारकों को राहत दी है जो तय सीमा में अपने प्लाट पर निर्माण नहीं करवा पा रहे थे। नई नीति के अनुसार अब पहले दो साल बिना कोई अतिरिक्त फीस दिए प्लाट पर निर्माण किया जा सकता है। अगर दो साल में निर्माण नहीं होता तो अगले १२ साल तक हर साल कुछ जुरमाना देकर अलोटी अपने प्लाट पर निर्माण कर सकता है। पहले नियम यह था की जो लोग तय सीमा में अपना निर्माण पूरा नहीं कर पाते थे उनके प्लाट को हुडा रिज्यूम कर सकता था। प्रदेश के टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग के प्रधान सचिव को उम्मीद है की इस निर्णय से आम लोगों को लाभ होगा। आबंटित प्लाटों के मामले में नई नीति के अनुसार आंबटी को कब्जा लेने की तिथि से दो वर्ष की अवधि के भीतर आवश्यक 25 प्रतिशत निर्माण कार्य पूरा करना होता है। विस्तार फीस की अदायगी पर ऐसे प्लाटों पर निर्माण कार्य पूरा करने की अवधि कब्जा लेने की तिथि से 12 वर्ष की  होगी। इसके अलावा प्लाटों पर 12 वर्ष की अवधि समाप्त होने पर अगर और समय अलोटी को चाहिए तो उसे 1 २ वें साल के जुर्माने से दोगुनी राशी अदा करनी होगी. वाणिज्यिक प्लाटों की मामले में दो मंजिला या उससे अधिक मंजिल के मामले में विस्तार शुल्क की दरें आवासीय प्लाटों की तुलना में दो या तीन गुना अधिक होंगी। रक्षा कर्मियों व अर्ध-सैनिक बलों के आंवटित प्लाटों में उन्हें विस्तार शुल्क में 50 प्रतिशत की छूट दी जाएगी। महिलाओं तथा विधवाओं के मामले में विस्तार शुल्क में छूट पूर्व निर्धारित दिशा-निर्देशों के अनुरूप जारी रहेगी।

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