बेरी में लगे माता भीमेश्वरी देवी के मेले में आस्था का सैलाब उमड़ रहा है। श्रद्धालु सिर्फ हरियाणा से ही  नहीं बल्कि पूरे देश से यहां पहुच रहे हैं। है।  कहा जाता है कि इस मंदिर का इतिहास महाभारत काल से जुड़ा है। युद्ध के वक्त भीम माता को हिगलान से लाए थे, जो अब पाकिस्तान में है। माता ने भीम के सामने शर्त रखी थी की जहां भी उन्हें नीचे रखा जाएगा वो वहीं स्थापित हो जाएंगी….बेरी के इस पवित्र स्थान पर पहुंच कर भीम थक गए। भीम ने माता को रखा और वो यहीं पर स्थापित हो गई। इस मेले की ये भी खासियत है कि यहां मेले के साथ गधों का मेला भी लगता है। मेले में गधों की कीमत लाखों में होती है। गधों के अलावा यहां खच्चर और घोड़े भी बड़ी संख्या में खरीद और बेच के लिए लाए जाते हैं।

 

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