हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय में कृषि अधिकारियों की दो दिवसीय सेमीनार शनिवार को खत्म हो गई। इस सेमीनार में हरियाणा के अलावा पंजाब, यूपी के कृषि अधिकारी और वैज्ञानिक शामिल हुए। इस कार्यशाला में खरीफ के सीजन में किसानों को धान की पारंपरिक खेती के बजाए फसल विविधीकरण और बासमती चावल की खेती करने पर जोर दिया गया, इस सेमीनार के जरिए किसानों को बताया गया कि वो ऐसी खेती से बचें जिसमें ज्यादा पानी की जरुरत होती है।

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