जींद में इन दिनों जिला लाईब्रेरी सिर्फ एक  चौकीदार के सहारे चलायी जा रही है … लाईब्रेरी के  छह पदों पर किसी की नियुक्ति नहीं होने से पाठकों को दिन में दो घंटे अख़बार या मैगजीन ही पढने को मिल पातें हैं । गांधी नगर में बने  इस भवन में देश दुनिया के लेखकों की 47 हजार किताबें हैं। लेकिन ये किताबें सिर्फ शोपीस बनी हुई है… इन्हें पाठकों को नहीं दिया जाता है… वजह है लाईब्रेरी में स्टाफ का ना होना…. स्टाफ के नाम पर इस  लाईब्रेरी में  सिर्फ एक चौंकीदार ही बचा है … जो रात भर यहाँ सुरक्षा  कर सुबह ताला खोल कर चला जाता है … जिस से पाठको को दो घंटे के लिए अख़बार पढने को तो मिल जातें हैं …

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