सरकार की ओर से लोगों को साक्षर बनाने के लिए चलाई गई राष्ट्रीय साक्षरता मिशन योजना हांसी में दम तोड़ती दिख रही है। क्योंकी इस योजना के तहत लोगों को साक्षर करने के उद्देश्य से नियुक्त किए गए सैंकडों प्रेरकों को पिछले करीब पांच माहिनों से मानदेय नहीं मिला है। एक तो इन प्ररेकों को सिर्फ दो हजार रूपए प्रतिमाह मानदेय के आधार पर नियुक्त किया गया है। उसपर उन्हें वो मानदेय भी नही मिल रहा। इससे इन लोगों के सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है। इस बारे में जब पंचायत विभाग के अधिकारियों से बात करनी चाही तो उन्होंने कुछ भी बोलने से मना कर दिया।

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