तयशुदा वक्त से दो साल उपर गुजर गए हैं लेकिन पलवल का सिविल अस्पताल अभी भी बनकर तैयार नहीं हुआ है. सिविल अस्पताल के ना होने की वजह से स्थानीय लोगों को स्वास्थ्य सुविधाओं से जूझना पड़ रहा है। सितंबर 2009 में अस्पताल की इस बिल्डिंग के निर्माण का कार्य शुरु हुआ था, बिल्डिंग की जब नींव रखी गई तो स्थानीय लोगों को लगा कि जल्द ही सिविल अस्पताल वजूद में आएगा और उन्हें सेहत संबंधी समस्याओं को दूर दराज की खाक नहीं छाननी पड़ेगी. लेकिन उनकी उम्मीद सिर्फ उम्मीद ही रही, तीन साल से ज्यादा का वक्त गुजर गया है, बिल्डिंग अभी भी अधूरी ही है। 100 बैड वाले अस्पताल की इस इमारत को तैयार होने के लिए अठारह महीने का वक्त मिला था, जो कब का पूरा हो चुका है, लेकिन निर्माण कार्य है कि पूरा होने का नाम ही नहीं ले रहा। अभी तो बिल्डिंग ही पूरी नहीं है तो अस्पताल तो दूर की कोढ़ी है, लिहाजा स्थानीय लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के लिए दिल्ली और फरीदाबाद की खाक छाननी पडती है। स्थानीय लोग परेशान हैं जिले के उपायुक्त अतुल कमार दलील दे रहे हैं कि अब काम तेजी से शुरु होगा और जल्द ही लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिलने लगेंगी। सीएमओ साहब भी भरोसा दिला रहे हैं कि तीन महीने में ही अस्पताल की बिल्डिंग पूरी हो जाएगी। करीब तीस करोड़ की लागत इस अस्पताल के बनने में आएगी, 100 बैड़ों का ये अस्पताल होगा, लोगों को बहुत उम्मीदें हैं, स्वास्थ्य महकमा भी दावा करता है बहुत बड़ा अस्पताल है, उम्दा सेवाएं मिलेगी….. लेकिन बड़ा सवाल यहीं हैं कि आखिर कब….साल 2009 में निर्माण काम शुरु हुआ था 2013 को शुरु हुए पांच महीने गुजरने को हैं लेकिन बल्डिंग अभी अधूरी है।