पृथला के सरकारी स्कूलों में सर्व शिक्षा अभियान की असल तस्वीर यही है। सेशन शुरू हुए दो महीने बीत चुके हैं,,लेकिन अभी तक बच्चों को किताबें मुहैया नहीं करवाई गई है,, वो स्कूल तो जाते हैं लेकिन पढ़ने के नाम अखबार सामने रहता है और टाइम पूरा करने के लिए खेलकूद। बात बच्चों के तालीम की है,,उनके भविष्य की है लिहाजा टीचर भी परेशान हैं। अधिकारी अब चाहे विभाग की इस देरी को किसी प्रोगाम का नाम दे दे, लेकिन उनकी इस देरी से जहां बच्चों का भविष्य अधर में लग रहा है वहीं सरकारी योजनाओं पर एक बार फिर सवाल उठने लगे हैं।