हरियाणा सरकार के शिक्षा में नंबर वन के दावे की पोल खुल गई है। सफीदों के राजकीय प्राथमिक पाठशाला खरकड़ा में पहली से पांचवी तक के बच्चों को पढ़ाने के लिए सिर्फ एक अध्यापक है। पिछले एक साल से स्कूल में कोई दूसरा अध्यापक नहीं आया है। पढ़ लिख कर अफसर बनने के सपने संजोए, हर रोज छोटे-छोटे बच्चे सफीदों के राजकीय प्राथमिक पाठशाला में पहुंचते हैं…लेकिन स्कूल में शिक्षकों की कमी की वजह से उनके सुनहरे सपनों में ग्रहण लगता नजर आ रहा है…जी हां खरकड़ा गांव का राजकीय प्राथमिक पाठशाला पिछले एक साल से केवल एक अध्यापक के भरोसे चल रहा है। जिससे शिक्षक के साथ-साथ बच्चों को भी काफी परेशानी हो रही है। पहली से पांचवी कक्षी तक के बच्चों को पढ़ाने के लिए महज एक शिक्षक…आखिर वो करे भी तो क्या करे…मजबूरी में शिक्षक को क्लास के मौनिटर के हाथ में हर क्लास का जिम्मा सौंपना पड़ता है…और इस स्कूल में टीचर के दूसरे क्लास में होने पर बच्चे ही एक दूसर को पढ़ाते हैं। स्कूल के शिक्षक ने कई बार बीओ को समस्या से रूबरू कराया… लेकिन उसके बाद भी स्कूल में दूसरे शिक्षक की नियुक्ती नहीं हो रही है। प्रदेश सरकार शिक्षा में नंबर वन होने का दावा कर रही है लेकिन कम से कम सफीदो के राजकीय प्राथमिक पाठशाला की हालत इस दावे पर सवालिया निशान लगाती है। फिलहाल इंतजार है बच्चों को,,उनके अभिभावकों को कि कब कोई नया टीचर आएगा।