रतिया शहर में सीवरेज पाइप लाइन बिछाने का काम चल रहा है… लेकिन जनस्वास्थ्य विभाग ने नई बनी सड़कों को तोड़कर ही पाइप लाइन डालनी शुरू कर दी है। नगर पालिका ने इस बारे में जनस्वास्थ्य विभाग को गलियों की मरम्मत के बारे में कई बार लिखा…. लेकिन जनस्वास्थ्य विभाग के कान पर जूं तक नहीं रेंगी। आख़िरकार ने नगर पालिका ने जनस्वास्थ्य विभाग को पांच करोड़ रुपये का नोटिस थमा दिया। साथ ही नगर पालिका सचिव ने साफ़ किया है कि अगर जनस्वास्थ्य विभाग ने तोड़ी गई सड़कों के बारे में कोई उचित क़दम नहीं उठाया तो उसके ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। स्थानीय स्तर पर नगर पालिका और जनस्वास्थ्य विभाग सरकार के ही दो रूप हैं… लेकिन दोनों में तालमेल नाम की कोई चीज़ नहीं है। अगर जनस्वास्थ्य विभाग को पाइप लाइन बिछानी ही थी… तो सड़क बनने से पहले ये काम क्यों नहीं किया गया और अगर बाद में सड़क तोड़कर पाइप लाइन डाली भी जा रही है तो दोबारा सड़क निर्माण की ज़िम्मेदारी भी जनस्वास्थ्य विभाग की बनती है।