जाको राखै साईयां मार सकै न कोई… ये कहावत पलवल की नन्ही तन्नू के सच साबित होती नजर आई है। पलवल के बलई गांव में चार साल की तन्नू के परिजनों की लापरवाही उसकी जान पर भारी पड़ गई… प्रशासन ने तुरंत पुख्ता इंतजाम ना किए होते तो शायद तन्नू का बचना मुश्किल हो जाता। प्रशासन और फायर ब्रिगेड की 8 घंटे की कड़ी मशक्त के बाद बोरवेल से नन्हीं बच्ची की जान बचा ली गई। बोरवेल से निकालते ही तन्नू को तुरंत ही पलवल सिविल अस्पताल लाया गया और अब उसका ईलाज एक निजी अस्पताल मे कराया जा रहा है। डाक्टरो ने तन्नू की हालत ठीक बताई है। तन्नू के बोरवेल में गिरने की खबर सुनते ही सारा गांव मौके पर पहुंच गया और साथ ही सूचना मिलते ही जिला उपायुक्त.. एसपी… एसडीएम…. डाक्टरो की टीम.. फायर बिग्रेड कर्मचारी और तमाम अधिकारी पूरी मेहनत के साथ जुटे रहे। ये तो थी आरंभिक प्रक्रिया… इससे पहले भी ना जाने कितने प्रिंस… और माही बोरवेल में गिरे और कुछ ने तो अपनी जान गवां दी…. पहले के मामलों को देखते हुए कोर्ट ने कड़े आदेश दिए.. लेकिन ऐसे हर मामलों में प्रशासन बस मौके पर पहुंचकर खानापूर्ति ही करता नजर आता है।

By admin