हरियाणा के सबसे बडे और पहले स्वतंत्रता सेनानी पंडित नेकीराम शर्मी की आज पुण्यतिथि है. नेकीराम ने देश को गुलामी की जंजीरों से निजात दिलाने के लिए अंग्रेजों से लड़ाई लड़ी. अंग्रेजो ने उन्हें लालच भी दिया, लेकिन देश के लिए उन्होंने कभी समझौता  नहीं किया। पंडित नेकीराम शर्मा, हरियाणा के सबसे बड़े और सबसे पहले स्वतंत्रता सेनानी. देश को अंग्रेजों के चंगुल से छुडाने के लिए नेकीराम ने अपना सब कुछ न्यौछावर कर दिया. जंगे आजादी की लड़ाई में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेने वाले नेकीराम ने देश की खातिर कभी समझौता नहीं किया. अंग्रेजो ने उन्हें कई बार लालच दिया, उनके सामने शर्ते रखीं कि अगर अगर वो आजादी की लड़ाई में हिस्सा ना लें तो उन्हें 625 एकड़ जमीन दी जाएगी। नेकीराम ने अंग्रेज कलैक्टर को जवाब दिया कि ये जमीन तो मेरे मुल्क की है….जमीन देनी ही है तो इंग्लैंड की दो…..तिलक और ऐनी बेसेस्न्ट के बाद वो होम रुल आंदोलन के सबसे बड़ा नेता थे. 1919 से लेकर 1942 तक हुए सभी आंदोलनों में वो गिरफ्तार हुए. नौ बार गिरफ्तार हुए पंडित जी ने तकरीबन सात साल तक जेल में यातनाएं सहीं। 1915 में नेकीराम गांधी जी और 1918 में नेहरू जी के संपर्क में आए। बाल गंगाधर तिलक उनके सियासी गुरु थे। कांग्रेस ने उन्हें 1940, 45 के चुनाव में टिकट नहीं दी, जिसके बाद उन्होंने चुनाव ना लड़ने का संकल्प लिया. विडंबना ही है कि नेकीराम के अंतिम संस्कार में कोई भी राष्ट्रीय और प्रांतीय नेता तक शरीक नहीं हुआ।

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