खरखौदा के पिपली गांव में पानी की किल्लत पिछले कई साल से बनी हुई है। गांव में पानी की पाईप-लाइन होने के बावजूद पानी नहीं आ रहा। गांववालों ने इसकी शिकायत कई बार प्रशासन के आला अधिकारियों से की… लेकिन प्रशासन की अनदेखी के कारण उनकी समस्या ज्यों की त्यों बनी हुई है। गांववालों का कहना है कि उन्होंने स्थानीय विधायक को भी इसके बारे में शिकायत की, लेकिन उन्हें आश्वासन के सिवा कुछ नहीं मिला। कहते हैं ना जब खुद पर बितती है… तभी रास्ते दिखाई देते हैं… ऐसा ही कुछ यहां के ग्रामीणों ने सरकार और प्रशासन की ओर देखना छोड़ कर एक नई पहल की है। गांववालों ने पुराने पड़ चुके कुओं की सफ़ाई शुरू की है जिन्हें वे कई साल पहले भूल चुके थे। गांव के लोग आपस में मिलकर इस अभियान जुट गए है.. जिससे कुओं के पानी को इस्तेमाल में लाया जा सके और गांव से पानी की किल्लत दूर हो। अब गांववालों ने ये ठान लिया है कि वो पानी के लिए किसी की तरफ नहीं देखेंगे और मिल-जुलकर पानी की किल्लत को दूर करेंगे। बहराल.. ग्रामीणों के प्रयास से पीपली में पानी की किल्लत अब दूर हो जाएगी.. लेकिन ऐसी सरकार और प्रशासन का क्या फ़ायदा जो आम आदमी की मूलभूत सुविधाओं को भी पूरा ना कर सके।