पलवल जिले में करीब तीन लाख पचास हजार पशु हैं, जिले के ज्यादातर लोग पशु पालन करते हैं जो उनकी कमाई का एक जरिया भी है, जिले में बड़ी संख्या में पशु अस्पताल है, पशु औषधालय हैं, लेकिन यहां डॉक्टरों की कमी जरुर अखर रही है. जिले में तीन डॉक्टर, तीस वीएलडीए के पद खाली पडे हैं. जिले के अंदर दो लाख पिच्यासी हजार दुधारु भैसें हैं, जिले में ग्यारह हजार भेड, नौ हजार बकरी और 4200 सुअर हैं. बामणीखेड़ा, कोण्डल समेत कई गांवों के पशुपालक डॉक्टर ना होने से निराश हैं और उन्हें काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। जिले के पशु पालन विभाग के अधिकारी भी मानते हैं पशु अस्पतालों की कमी है और उससे पशुपालकों को बड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ता है. उन्होंने जल्द ही खाली पड़े पदों के भरने की बात कही। पलवल जिले के पशु पालक लंबे वक्त से पशु डॉक्टरों को तरस रहे हैं. डॉक्टर ना होने की वजह से उन्हें दूर दराज के इलाकों की खाक छाननी पड़ती है. इसके अलावा उन्हें जेब भी ज्यादा ढीली करनी पड़ती है।