देश में हर साल रेलवे ट्रैक पर होने वाले हादसे हजारों जिंदगियां लील लेते हैं… इसी तरह हरियाणा के फरीदाबाद में भी पिछले छह साल में करीब दो हजार लोग रेलवे लाइन पर दम तोड़ चुके हैं… जीआरपी यानि राजकीय रेलवे पुलिस के आंकड़ो के मुताबिक साल दो हजार सात से अब तक दो हजार तरेपन लोगों की मौत रेल की चपेट में आने से हो चूकी है।
साल मौत
2007 288
2008 281
2009 297
2010 319
2011 380
2012 381
2013 107 अबतक

लोगों के खून से रेल की पटरियां लाल हो चुकी है… अब तो लोग इन्हें खूनी पटरियां भी कहने लगे हैं… लेकिन लाख कोशिशों के बावजूद दुर्घटनाओ के ग्राफ में कमी नहीं आ रही… जीआरपी के अनुसार इन पटरियों से हर रोज सैकड़ो गाड़ियां गुजरती है… लेकिन लोग फिर भी लापरवाह होकर रेल पटरियों को क्रोस करते है… जो उनका मौत को कारण बन जाता है… इधर, स्टेशन अधीक्षक ने भी बढ़ रही दुर्घटनाओं के पीछे लोगों की लापरवाही को जिम्मेवार ठहराया है।
वहीं यात्री इन हादसों के पीछे ट्रेनों की कम संख्या को भी जिम्मेवार मान रहे हैं…क्योंकि ट्रेनों में भीड़ बढ़ने की वजह से उन्हें कभी-कभी लटक कर जाना पड़ता है। रेलवे ट्रैक पर इतनी ज्यादा संख्या में मौतों का होना अपने-आप में एक सवाल खड़ा करता है कि क्या लोग अपनी जान को लेकर इतने लापरवाह हैं या फिर रेलवे विभाग लोगों की जान खतरे में डालकर लापरवाही बरत रहा है… लेकिन लापरवाही किसी की भी हो मगर इन हादसों को रोकना जरुरी है ताकि हर किसी की कीमती जान बच सके।

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