हिसार के लघु सचिवालय पर पिछले लगभग एक साल से धरना दे रहे भगाना गांव के ग्रामीणों का एक प्रतिनिधि मंडल आज राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग दिल्ली पहुंचा…. दरअसल, दलित परिवारों ने गांव के दबंगो पर जमीन हथियाने, मारपीट और उनका सामाजिक बहिष्कार करने का आरोप लगाया था….राष्ट्रीय मानवाधिकार में मामले की शिकायत पहुंचने के बाद आयोग ने हिसार उपायुक्त और तत्कालीन उपायुक्त के अलावा स्थानीय प्रशासन को भी तलब किया… आयोग ने सभी की शिकायत सुनी और प्रशासन को धरना दे रहे ग्रामीणों की गांव में बसाने और हर संभव मदद करने के आदेश दिए… दलित परिवारों के अनुसार इस मामले बाबत 2 जून 2011 को शिकायत दी गई लेकिन प्रशासन ने कुछ नहीं किया था…फिर भी गांव से दलित परिवारों का पलायन जारी रहा… जिसके बाद उन्हें मानवाधिकार आयोग के पास जाना पड़ा।