राव इंद्रजीत सिंह के बागी तेवर,सीएम हुड्डा और चौधरी बीरेन्द्र सिंह का टकराव,सीएम और कुमारी सैलजा की नोकझोंक,राजपाल भूखड़ी और नरेश सेलवाल के विरोधी स्वर,गोहाना रैली की भीड़ और घोषणाएं ,पार्टी की आगामी रणनीति,पार्टी की चुनावी रणनीति……
हरियाणा कांग्रेस में हाल-फिलहाल यही सबसे बड़े मुद्दे हैं। जाहिर है अगर पार्टी के आला नेता बैठक करेंगे तो चर्चा भी इन्हीं मुद्दों पर होगी। देशभर में भाजपा की सक्रियता और पांच राज्यों के चुनावों ने पूरे देश की राजनीति को गरमा दिया है। ऐसे में राष्ट्रीय कांग्रेस और हरियाणा कांग्रेस भला इससे अछूती कैसे रह सकती है। हरियाणा कांग्रेस में वैसे भी चुनौतियों का अम्बार लगा है। हालात ऐसे हैं कि प्रदेश हाइकमान ही नहीं राष्ट्रीय कांग्रेस हाइकमान को भी चिंता होना लाजमी है। ऐसे में सोमवार को राहुल गांधी द्वारा सीएम हुड्डा, प्रदेशाध्यक्ष फूलचंद मुलाना और प्रदेश प्रभारी शकील अहमद के साथ हुई समीक्षा बैठक काफी अहम मानी जा रही है। गोहाना रैली के अगले ही दिन राहुल गांधी ने प्रदेश कांग्रेस के तीनों बड़े पदाधिकारियों के साथ बैठक की। काफी हद तक मुमकिन है कि इस बैठक में सबसे बड़ा मुद्दा प्रदेश कांग्रेस की आगामी रणनीति के बजाए प्रदेश कांग्रेस की मौजूदा स्थिति होगी। पार्टी हाइकमान लम्बे वक्त से प्रदेश कांग्रेस की मौजूदा स्थिति की अनदेखी करता आ रहा है। शायद यही वजह की पार्टी में गुटबाजी बढ़ती जा रही है। पार्टी के लिए सबसे बड़ी चिंता ये है कि ये गुटबाजी मीडिया और जनता के सामने है।
हालांकि, बैठक खत्म होने के बाद मीडिया से रुबरू हुए कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष फूलचंद मुलाना ने इस बैठकों रुटीन मीटिंग बताया है। उन्होंने गोहाना रैली का भी जिक्र किया। लेकिन मुलाना प्रदेश कांग्रेस के बड़ मुद्दों पर चुप्पी साध गये। गुड़गांव से सांसद राव इंद्रजीत सिंह पार्टी से व्यवहारिक तौर पर अलग हो गये हैं।
राज्यसभा सदस्य चौधरी बीरेन्द्र सिंह मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा के खिलाफ बिगुल फूंक चुके हैं। केन्द्रीय मंत्री कुमारी सैलजा सीएम हुड्डा से नाराजगी जाहिर कर चुकी हैं। सैलजा के करीबी विधायक राजपाल भूखड़ी और नरेश सेलवाल सैलजा को अगले सीएम के तौर पर प्रोजेक्ट कर चुके हैं। राज्यसभा सांसद ईश्वर सिंह भी सीएम हुड्डा की मुखालफत और सैलजा के नेतृत्व में आस्था जता चुके हैं। ये तमाम चुनौतियां ऐसी हैं जो प्रदेश कांग्रेस के स्तर पर सुलझने वाली दिखाई नहीं पड़ती। ऐसे में पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी की दखलअंदाजी काफी महत्वपूर्ण हो जाती है। राहुल गांधी ने अगर हरियाणा कांग्रेस के दिग्गजों से बैठक की है तो इन मुद्दों को लेकर भी चर्चा की होगी। राहुल जानते हैं कांग्रेस का लक्ष्य सिर्फ क्षेत्रिय नहीं बल्कि राष्ट्रीय है और उसे साधने के लिए लोकसभा चुनाव में कामयाबी जरूरी है। लोकसभा चुनाव नजदीक हैं ऐसे में हरियाणा कांग्रेस के बड़े नेताओं का कलह पार्टी को बड़ा नुकसान कर सकता है।