रेवाड़ी की पुरानी तहसील के नजदीक अंग्रेजों के समय बना हुई पानी की टंकी टुकड़ो में तहबदील होकर कबाड़ियों की दुकानों में पहुंच गई… 60 से 70 टन भारी ये टंकी भरकम लोहे की बनी हुई थी… तो इसे काटकर टुकड़ों में तबदील किया गया था… माना जा रहा है कि इसकी कीमत लाखों में थी लेकिन इसे महज 85 हजार रुपए में बेच दिया गया… परिषद के उच्च अधिकारियों को भी इस गड़बड़झाले की भनक लग गई है जो अब इस मामले में लिप्त लोगों को बख्शने के मूड में नहीं हैं। वहीं, जैसे ही मीडिया की टीम को इस बात का पता लगा तो नगर परिषद के कर्मचरियों ने रविवार की सुबह ही करीब एक टन लोहा कबाड़ की दुकानों से टैंपो और पिकअप में भरकर नगर परिषद के स्टोर मे पहुंचा दिया… जिसके बारे में खुद परिषद स्टोर कर्मचारी बता रहा है। नगर परिषद के स्टोर में भी टंकी का आधा लोहा ही पहुंच पाया है…बाकी की भारी भरकम लोहे की चादरों की अभी तक कुछ पता नहीं चल पाया है… वहीं, इस टंकी में दो टन के आसपास लैड भी लगा हुआ था, जिसका भी कुछ अता-पता नहीं है… इन सभी चीजों का खुलासा तो अब जांच के बाद ही हो पायेगा।