सुना था,, प्यार अंधा होता है,,, सुना था प्यार न उम्र देखता है,, न जाति देखता है और न धर्म। लेकिन प्यार संस्कृति और देश की भी परवाह नहीं करता,,,,ये अब देख लिया। फिल्मों के फंसाने से निकलर हकीकत की हवाओं को महसूस करें,, तो भी मोहब्बत में फर्क नज़र नहीं आता,,, इसकी बानगी असंध के एक छोटे से गांव में देखने को मिली है। असंध के पोपड़ा गांव के रहने वाले मुकेश की अमेरिका में रहने वाली एडरीना परेल से फेसबुक के जरिए दोस्ती हुई और फिर ये दोस्ती प्यार में बदल गई। तीन महीने पहले एडरीना परेल अमेरिका से असंध के पोपड़ा गांव आ गई। तीन महीने तक दोनों ने एक दूसरे को समझा और फिर सात फेरे लेकर सात जन्मोंन तक साथ निभाने की कसमें खा ली। एडरीना परेल भी इस शादी से काफी खुश हैं। उन्हें भारत से बेहद लगाव है,,, और हिंदी भी सीखने लगी हैं। एडरीना का कहना है कि वो अमेरिका जाकर दोबारा भारत लौट आएंगी। इस शादी से मुकेश का परिवार भी बेहद खुश है। एडरीना की संस्कृति भले ही अलग हो लेकिन मुकेश के परिवार ने दोनों के प्याशर का सम्माीन किया। और ये शादी प्यार की नई मिसाल बन गई है,,क्योंकि एक छोटे से कस्बेक के छोटे से गांव में विदेशी बहु आना,,, किसी सपने से कम नहीं है।