यमुनानगर में…मशहूर कपालमोचन मेले के खत्म होते ही…पांच दिन बाद से शुरू हो जाता है पंचतीर्थ का मेला…आजकर यमुनानगर में इस मेले की काफी धूम हैं…सिर्फ प्रदेश ही नहीं आस-पास के प्रदेशों से भी भारी संख्या में श्रद्धालु यहां पहुंच रहे हैं…इतिहास है कि पंचतीर्थ में पांचों पांडवों ने अज्ञातवास काटा था और इसी जगह पर गोरूगोविंद सिंह जी ने भी तपस्या की थी…इसलिए हर साल कपालमोचन मेले के खत्म होते ही,…पांच दिन बाद…यहां पंचतीर्थ का मेला लगता है। लोगों की आस्था है कि पंचतीर्थ के मौके पर जो भी सरोवर में स्नान करके…पेड़ में धागा बांधता है…उसकी मनोकामना पूर्ण होती है। मंदिर के साथ-साथ यहां पर गुरूद्वारा भी है…इसलिए ये मेला हिन्दु-सिख एकता का भी प्रतीक है। मेले में लोगों के मनोरंजन के लिए दंगल का भी आयोजन किया गया था…जिसका लोग जमकर लुत्फ उठाते दिखे।