रोहतक पुलिस की कार्रवाई सवालों के घेरे में हैं। आरोप है कि पैसे के लेन देन को लेकर पुलिस ने राका नाम के युवक को हिरासत में लेकर पीटा। राका का पूर्व पार्षद सुरेन्द्र बतरा के भाई के साथ विवाद था और सुरेन्द्र बतरा ने राजनीतिक दबाव डलवाकर उसे झूठे केस में फंसाया है और पुलिस ने उसकी बर्बरता पूर्वक पिटाई की जिस कारण उसे पी जी आई में भर्ती कराना पड़ा। पुलिस ने ना तो उन्हें सूचना दी कि उसकी हालत खराब है ओर ना ही ये बताया कि उस पी जी आई भर्ती कराया गया है। वहीं इस मामले में पुलिस ने कहा कि राका के खिलाफ सिविल लाईन थाने में मुकदमा दर्ज है और राका को नशा देने की बात पर पुलिस ने कहा कि अभी तक डाक्टरों की रिपोर्ट नही आई है ओर इस मामले की जांच की जायेगी। हालांकि मामले की सच्चाई क्या है…. ये तो जांच के बाद पता चलेगी। फिलहाल राका की खराब हालत और परिजनों के आरोपों पुलिस को निश्चित तौर पर सवालों के घेरे में ला खड़ा किया है।

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