28वें सूरजकुण्ड मेले की चौपाल तीसरे दिन देसी और विदेशी दोनों ही संस्कृतियों से रंगी हुई नजर आयी… सबसे पहले अगर बात करें देसी संस्कृति की तो इसमें वृंदावन की फूलों की होली शामिल थी। इसके अलावा बृज की लठमार होली का भी दर्शकों ने खूब आनंद उठाया। वहीं, वृंदावन से आये कलाकारों ने राधा-कृष्णा के रूप फूलों की होली खेलकर दर्शकों को भी अपने रंग में रंग दिया… यहां तक कि हरियाणा पर्यटन निगम कि प्रबन्ध निदेशक सुमिता मिश्रा को भी कलाकारो ने झूमने पर मजबूर कर दिया। वहीं, विदेशी संस्कृति की अगर बात की जाये तो सूरजकुण्ड मेले की चौपाल इनसे भी अछूती नहीं रही… रुस और कजाकिस्तान के युवक-युवतियों ने अपनी-अपनी संस्कृति से जुड़े नृत्य पेश किये। देसी और विदेशी संस्कृति के इस सुमेल से साफ जाहिर हो रहा है कि लोग जहां अपनी संस्कृति की महक का आनंद ले रहे हैं, तो वहीं विदेशी संस्कृति के अनछुए पहलुओं से भी रु-ब-रु हो रहे हैं।