हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र की अवधि पहले से ही कम है और उसमें भी सदन का कार्यवाही हंगामे की भेट चढ़ रही है. 21 फरवरी से शुरु हुए हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र का दूसरा दिन भी हंगामेदार रहा….साथ ही इनेलो के विधायकों पर एक बार फिर से सत्र के दौरान निलंबन की गाज गिरी है…..सत्र के दूसरे दिन की कार्यवाही शुरु तो सुचारु रुप से हुई…प्रश्नकाल शांति पूर्ण तरीके से रहा, लेकिन ध्यानआकर्षण प्रस्ताव के दौरान विपक्ष ने हंगामा शुरु कर दिया. मुख्य विपक्षी पार्टी इंडियन नेशनल लोकदल ने सीएलयू मामले को उठाया और रामकिशन फौजी मामले में लोकायुक्त की सिफारिश पर बहस की मांग की, वहीं बीजेपी विधायक दल के नेता अनिल विज ने तोशाम में हुई व्यापारी नेता राकेश मलिक की हत्या का मुद्दा उठाया और उस पर चर्चा की मांग की. विपक्ष की मांग को सत्ता पक्ष ने नकार दिया जिस पर भड़के विपक्ष ने और ज्यादा शोर शराबा शुरु कर दिया….मुख्य विपक्षी पार्टी इंडियन नेशनल लोकदल की ओर से हंगामा ज्यादा किया गया तो दूसरे दिन की कार्यवाही को पंद्रह – पंद्रह मिनट के लिए दो बार स्थगित भी करना पड़ा. हंगामे को लेकर स्पीकर कुलदीप शर्मा ने इनेलो विधायक रामपाल माजरा को नेम करते हुए उनसे सदन से बाहर जाने को भी कहा. इनेलो का हंगामा इतने पर भी नहीं रुका तो स्पीकर कुलदीप शर्मा ने सदन में मौजूद सभी इनेलो विधायकों को पूरे सत्र के लिए सस्पेंड कर दिया….इस सस्पेंशन से इनेलो विधायक अभय चौटाला, अशोक अरोड़ा और सुभाष चौधरी बच गए क्योंकि वो उस वक्त सदन में मौजूद नहीं थे…..सस्पेंशन से तिलमिलाए इनेलो विधायकों ने सदन के बाहर ही धरना दिया और बहाली की मांग की…..उधर बीजेपी विधायक दल के नेता अनिल विज ने भी स्पीकर पर अनसुनी करने का आरोप लगाया और सदन से वाकआउट किया…..हांलाकि बाद में मुख्यमंत्री हुड्डा मीडिया से रुबरु हुए और उन्होंने विपक्ष को ही आडेहाथों लिया. मुख्यमंत्री हुड्डा ने कहा कि विपक्ष के पास मुद्दे ही नहीं है और हंगामा करना ही उसकी फितरत है…..सत्र के बचे बाकी के दिनों के भी हंगामेदार रहने के ही आसार है….हांलाकि इनेलो के विधायकों को सस्पेंड कर दिया गया है. काबिलेगौर है कि शीतकालीन सत्र के दौरान भी हंगामे की वजह से ही इनेलो विधायकों पर पूरे सत्र के लिए निलंबन की गाज गिरी थी और जिसको लेकर काफी सियासत भी गरमाई थी

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