एक दिन पहले तक नरेन्द्र मोदी को पीएम बनाने का दम भरने वाले प्रदीप सांगवान ने कांग्रेस ज्वाइन कर ली है। जी हां… पहले बीजेपी से सोनीपत सीट की दावेदारी पेश की। टिकट नहीं मिली तो सड़कों पर उतरे… विरोध प्रदर्शन किया। लेकिन हाइकमान अपने फैसले पर अड़ा रहा। फिर सांगवान ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान किया। साथ ही ऐलान किया कि सीट नरेन्द्र मोदी की झोली में ही डालेंगे। बीजेपी से नाराजगी के बावजूद मोदी के मुरीद प्रदीप सांगवान ने अपने बयान के बिलकुल उलट ऐसी पार्टी का दामन थामा है… जिसे वो अब तक पानी पी पी कर कोसते थे। सांगवान की राजनीति की एक धुरी बीजेपी का बैनर था तो दूसरी धुरी कांग्रेस का विरोध। लेकिन… दलबदल के चुनावी मौसम में सांगवान ने बीजेपी का विरोध और कांग्रेस के साथ को अपनी राजनीतिक धुरी बनाने का फैसला लिया है। आपको बता दें कि प्रदीप सांगवान सोनीपत से तीन बार सांसद रहे किशन सिंह सांगवान के बेटे हैं। खुद को सोनीपत लोकसभा टिकट का सबसे बड़ा दावेदार माने बैठे थे। लेकिन राजनीति ने ऐसी पल्टी मारी कि कुछ महीने पहले ही कांग्रेस से बीजेपी में आए रमेश कौशिक को पार्टी हाइकमान ने टिकट दे दिया। फिर क्या था सांगवान ने कभी पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष पर टिकट बेचने का आरोप लगाया तो कभी सुषमा स्वराज और राजनाथ सिंह सरीके नेताओं पर धोखाधड़ी का। आनन फानन में निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला भी ले लिया। और उससे पल्टी मारते हुए कांग्रेस में भी शामिल हो गये।

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