नवरात्र के पहले दिन मंदिरों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखने को मिली। नवरात्रि में यू तो माता के नौ स्वरूपों की पूजा होती है लेकिन पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा होती है। इस दिन घरों औऱ मंदिरों में कलश की स्थापना होती है। शैलपुत्री पर्वतों की पुत्री भी कहलाती है। माता शैलपुत्री भक्तों की मनोकामना जल्द पूरी करती हैं। माता का स्वभाव बच्चों को भांति होता है जैसे थोड़े से लाड़ प्यार से बच्चे को मनाया जा सकता है वैसे ही माता को भी सच्चे मन से पूजा करके मनाया जा सकता है।

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