गुरूवार को लोकतंत्र के सबसे बड़े त्यौहार का जश्न मनाया गया,,,16 वीं लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण में हरियाणा की सभी दस सीटों पर वोटिंग हुई,,,खासकर युवा वर्ग ने मतदान में काफी दिलचस्पी दिखाई लेकिन कुछ जगह पर लोकतंत्र की सबसे बड़ी जंग का बहिष्कार किया गया। रेवाड़ी जिले के कोसली गांव के लोगों ने 16वीं लोकसभा चुनाव का बहिष्कार किया। दरअसल कोसली-भाकली नामकरण विवाद को लेकर कोसली गांव के लोगों ने मतदान में हिस्सा लेने से इंकार कर दिया।
वहीं कैथल में भी लोगों ने चुनाव का सार्वजनिक रूप से बहिष्कार किया। कैथल के काकौत गांव के लोगों ने अपना विधानसभा क्षेत्र और तहसील बदलने की मांग को लेकर मतदान नहीं किया। लोगों का कहना है कि अगर उनकी ये मांग पूरी नहीं होती तो उनका विरोध आगामी विधानसभा चुनावों तक भी जारी रहेगा। हालांकि सुबह के समय गांव के आठ दस लोगों ने मतदान कर दिया था। रानियां के सुलतानपुरिया गांव की बात करें तो यहां भी कोई भी ग्रामीण मतदान केन्द्र में नहीं गया और न ही किसी ने मतदान किया। ग्रामीणों ने गांव को घग्घर का पानी और गरीबों को प्लाट नहीं मिलने का आरोप लगाया। ग्रामीणों का कहना है कि किसी भी पार्टी के नेता ने उनकी समस्याओं की ओर ध्यान न देकर उनकी अनदेखी की है। लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण में हरियाणा की सभी लोकसभा 10 सीटों पर गुरूवार को मतदान पूरा हो गया। प्रदेश में लोगों ने लोकतंत्र के सबसे बड़े त्यौाहार का जमकर जश्नक मनाया तो वहीं कुछ लोगों ने अपनी समस्याओं के समाधान ना होने की वजह से चुनावों का बहिष्कार भी किया। लेकिन सवाल है कि क्या चुनावों के बहिष्कार करने से उनकी समस्या का समाधान हो जाएगा।