कुकर्म और फिर उसके बाद हत्या। एक मासूम को शायद इसका शिकार ना होना पड़ता अगर पानीपत की पुलिस अपने फर्ज को लेकर थोड़ी भी संजिदा होती। एक मासूक जिंदगी बच जाती अगर खाकी के ठेकेदार मासूम की जिंदगी को लेकर थोड़े भी संवेदनशील होते। पुलिस के इसी निक्कमेपन के विरोध में मासूम के परिजनों का गुस्सा फूटा और उन्होंने जाम लगाकर प्रदर्शन किया। लोगों ने पहले थाना माडल टाऊन का घेराव किया और फिर जीटी रोड पर लघु सचिवालय के सामने जाम लगा दिया। जनता की शिकायतों पर सुस्ती की जमाई लेने वाली पुलिस का बड़ा अमला जाम की सूचना मिलते ही दलबल के साथ जाम खुलवाने पहुंच गया। खुद डीएसपी स्तर के अधिकारी जाम खुलवाने की कोशिश करते नजर आए। आखिरकार पुलिस ने आश्वासन देकर जाम खुलवाया। मामला 24 तारीख का है पानीपत के हरि नगर में रहने वाला चौथी क्लास का मासूम देवीलाल पार्क से अचानक लापता हो गया। मासूम अपने दोस्तों के साथ पार्क में खेल रहा था। उसके दोस्तों ने आखरी बार मासूम को एक युवक के साथ जाते देखा… उसके बाद से मासूम का कोई सुराग ना मिला। घरवालों ने पुलिस को शिकायत की। लेकिन… मानवीय संवेदनाओं डंडे से हांकने वाले खाकीधारियों की नींद नहीं टूटी। परिजन खुद ही मासूम के दोस्तों को साथ लेकर देवीलाल पार्क पहुंचे। काफी देर तक इंतजार के बाद बच्चों ने उसी युवक को देखा जिसके साथ मासूम को आखिर बार देखा गया था। परिजनों ने उसे पकड़ा और पुलिस के हवाले कर दिया। उस युवक ने बताय कि उसने मासूम के साथ कुकर्म किया और उसकी गला घोंटकर हत्या कर डाली। शव को टीडीआई पुल के नीचे झाडियों में फैंका गया। आरोपी की निशानदेही पर इतवार रात करीब 12 बजे शव बरामद कर लिया गया। आरोप की पहचान पानीपत की ही वधावा राम कालोनी निवासी गुलाब सिंह के तौर पर हुई है।
परिजनों ने जो किया वो पुलिस का काम था। लेकिन शिकायत मिलने के बाद भी पुलिस ने हमेशा की तरह कुछ नहीं किया और एक मासूम को छोड़ दिया एक भेड़िया का शिकार होने के लिए। पुलिस अब आरोपी युवक से कई सवाल करेगी। लेकिन सवाल तो पुलिस पर ही खड़ा है जो तमाम सवालों से बड़ा है। सवाल है कि क्या मासूम के साथ हुई हैविनियत के लिए सिर्फ गुलाब सिंह ही जिम्मेदार है। बिलकुल नहीं…। खाकी धारी अपनी ओर देखें तो उन्हें और भी आरोपी दिखाई देंगे।

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