प्रदेश में इसी साल विधानसभा के चुनाव होने हैं, लिहाजा बिसात अभी से बिछती जा रही है. जिस हुड्डा सरकार पार्ट टू को बनवाने में सिरसा से निर्दलीय विधायक गोपाल गोयल कांडा ने अहम भूमिका निभाई थी, विधानसभा चुनाव नजदीक आते देख अब उसी सरकार में खोट नजर आने लगे और बुधवार को समर्थन वापस ले लिया. कांडा राज्यपाल जगन्नाथ पहाड़िया से मिले और राज्य सरकार से समर्थन वापसी का पत्र सौंपा. गीतिका शर्मा सुसाइड केस में फंसने से पहले तक प्रदेश में गृह राज्य मंत्री जैसे अहम पद संभालने वाले कांडा अब प्रदेश सरकार और मुख्यमंत्री को कोस रहे हैं….सरकार की सोच पर सवाल उठा रहे हैं और विकास ना किए जाने के आरोप लगा रहे हैं। मीडिया से मुखाबित हुए कांडा ने यहां तक कह दिया कि मौजूदा सरकार में सिर्फ एक ही मुट्ठी में सारी पावर है। कांडा ने राज्य सरकार पर मंत्रियों और कई विधायकों के फोन टैप कराने का आरोप भी लगाया। दो मई को गुड़गांव में नई पार्टी बनाने जा रहे गोपाल कांडा ने प्रदेश सरकार से समर्थन वापसी के बाद हुड्डा सरकार पर जमकर निशाना साधा। ये वहीं गोपाल काण्डा हैं जो इससे पहले मीडिया में सीएम हुड्डा का जमकर गुणगान करते थे। अब काण्डा की ये पलटी लोगों में क्या संदेश लेकर जाएगी ये बड़ा सवाल है। उससे भी बड़ा सवाल उनके राजनीतिक भविष्य पर खड़ा है। क्योंकि काण्डा पर गीतिका शर्मा को आत्महत्या के लिए उकसान और यौन शोषण करने के साथ और भी कई आरोप हैं। गीतिका सुसाइड मामले में तो काण्डा को करीब डेढ़ साल तिहाड़ जेल में भी रहना पड़ा। इन तमाम आरोपों और हालातों के बीच लोग उनके या उनकी नई पार्टी के साथ जुड़ेंगे… ये बड़ा सवाल है। इस सवाल का जवाब मीडिया से ज्यादा खुद गोपाल काण्डा को ढूंढ़ना पड़ेगा।

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