प्रदेश में लिंग अनुपात को बढ़ाने के लिए जहां स्वास्थय विभाग प्रचार के लिये नए- नए तरीके अपना रहा है… वहीं गर्भ में लिंग जांच को सख्ती से रोकने के लिए अल्ट्रासाउंड केन्द्रों पर भी कड़ी नजर रखी जा रही है… जिसका परिणाम ये है कि आज फरीदाबाद की लिंग अनुपात जहां 1000 लड़कों पर 889 लड़कियां हैं, वहीं यहां के गांव बढ़ोली की सैक्स रेशों 1375 पंहुच गई है… जिसे एक बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है…वहीं गांव बढ़ौली के सरपंच से लेकर महिलाएं व अन्य व्यक्ति भी इससे खुश है और इसे गांव में लोगों की जागरूक्ता का परिणाम बता रहे है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी के मुताबिक लिंग अनुपात में बढ़ौली गांव पूरे जिले में नंबर वन पर है… जबकि दूसरे नंबर सहाजहांपुर गांव हैं… और गांव बढ़ौली में पैदा होने वाली पहली लड़की और उसकी माता के संयुक्त खाते में 50 हजार रूपए और दूसरी लड़की के खाते में 30 हजार और तीसरी लड़की के खाते में 20 हजार की प्रोत्साहन राशि सरकार की ओर से डाली जायेगी… कुल मिलाकर एक लाख रूपए की राशि गांव की इन लड़कियों को दी जायेगी। पहले जहां लड़कियों के पैदा होने पर खुशी की जगह घर में मातम का महौल सा हो जाता था… अब वहीं जहां लोग लड़की के पैदा होने पर भी खुशी मनाते हैं, वहीं उन्हे पढ़ाने-लिखाने से लेकर उच्च शिक्षा दिलाकर बिजनेश से लेकर नौकरियां कराने में भी गुरेज नहीं करते हैं… क्योंकि लड़कियों को अब किसी मायने में भी लड़कों से कम नहीं माना जाता है… शायद इसी कारण लोगों की सोच में थोड़ा बदलाव आया है… लेकिन बदलाव सिर्फ आगाज भर है… अभी भी इस सोच तो लंबा सफर करना तय है।