कार्तिक कृष्ण पक्ष की अष्ठमी यानि अहोई अष्ठमी को धूधमाम से मनाया गया। हिंदु मान्यताओं के अनुसार इस दिन रखा गया व्रत पुत्रवती महिलाओं के लिए महत्वपूर्ण होता है, इस व्रत में दिन भर उपवास रखा जात है और सांझ के वक्त तारे दिखाई देने पर अहोई माता का पूजन किया जाता है और तारों को करवा से अर्ध्य भी दिया जाता है। बाद में गेरू आदि के द्वारा दीवार पर अहोई बनाई जाती है या किसी मोटे वस्त्र पर अहोई निकालकर पूजा के समय उसे दीवार पर टांग दिया जाता है। बताया जाता है कि ये व्रत सन्तान की रक्षा और दीर्धाआयु के लिए फलदायी होता है।

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