20 लाख से ज्यादा आबादी वाला जिला फरीदाबाद कहने को तो एनसीआर में आता है लेकिन यहां के सिविल अस्पताल में ना तो वैंटीलेटर की सुविधा है ना ही आईसीयू की। जिसके आभाव में गंभीर मरीजों को दिल्ली के अस्पतालों में रेफर कर दिया जाता है। इन मरीजों में से कुछ तो रास्ते में ही दम तोड़ देते हैं और कुछ प्राइवेट अस्पतालों में इलाज करवाने को मजबूर हो जाते हैं।
वहींएक मात्र अस्पताल होने के कारण यहां काफी संख्या में मरीजों की भीड़ लगी रहती है, इस बारे में अस्पताल के डॉक्टर विरेंद्र यादव का कहना है कि सुविधाएं और स्टाफ कम होने के कारण उनके पास मरीजों को रेफर करने के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं होता।
आंकड़ों के मुताबिक इसी साल सितंबर महीने में करीब 228 और अक्टबूर में 179 मरीजों को गंभीर हालत होने के कारण दिल्ली रेफर किया गया और न जाने ये सिलसिला कब तक जारी रहेगा।