भगवान की भक्ति के नाम पर चल रहे सतलोक आश्रम में लोग सत्संग के लिए जाते थे। हजारों समर्थक जो रामपाल को भगवान से कम नही समझते वो रामपाल के लिए अपनी जान देने को तैयार रहे लेकिन  इस आलिशान आश्रम में भक्ति के नाम पर रामपाल का साम्राज्य पनप चुका था। आश्रम के अंदर जैसे ही प्रवेश करते हैं तो सबसे पहले समर्थकों की तलाशी ली जाती थी। जिसके बाद अंदर एक संग्रहालय में बाकायदा रामपाल का गुणगान करती किताबे औऱ सीडी मौजूद रहती  थी। इतना ही नही सतलोक आश्रम में एक हॉस्पिटल भी बनाया गया था जहां इलाज के लिए दवाइँया मौजूद थी लेकिन डॉक्टरों की कोई जानकारी नही,इसके अलावा दवाईयां भी ऐसी जिनका नाम और कंपनी के नाम का कोई अता पता नही,खबर ये है कि इस अस्पताल में समर्थकों का इस तरह की दवईयों से इलाज भी किया जाता था,इसके अलावा रामपाल के बीमार होने की सूरत में यहां से उनकी विडियों भी जारी की गई थी।

आश्रम के अंदर एक बडे हॉल में रामपाल हजारों समर्थकों को प्रवचन सुनाते थे,भक्ति के इस महल का ख्याल इतना कि रोहतक के करौंथा से भी ज्यादा आधुनिक इसे बनाया गया था। इतना ही आश्रम में जब एवन तहलका की टीम पहुंची तो चौंकाने वाली बात सामने आई,यहां महिलाओं के लिए बने शौचालय में काफी तादाद में नशे की दवाई की खाली और भरी बोतलें पाई गई… जब आश्रम के अंदर बनी पार्किग का दौरा किया गया तो वहां पर टबों में ईंट और पत्थर भरे मिले। रामपाल समर्थकों ने भारी मात्रा में ईंट और पत्थर पहले ही ईक्ट्ठे किए हुए थे ताकि पुलिस के खिलाफ इनका इस्तेमाल हो सके। आश्रम में बड़ी तादाद में लाठी-डंडे और पेट्रोल बम भी मिले। डीजीपी एसएन वशिष्ठ ने दावा किया है कि  आश्रम से फिलहाल सभी समर्थकों को बाहर निकाल लिया गया है और अब एसआईटी की टीम आश्रम की छानबीन कर रही है।

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