सिंचाई और पीने की पानी की मांग को लेकर हिसार जिले में किसानों ने अब धरना शुरू कर दिया है। किसानों का आऱोप है कि मांगों के लेकर लिए वो पिछले सात दिनों से धरने पर बैठे हैं लेकिन कोई भी प्रशासनिक अधिकारी उनकी सुध लेने नहीं आया। किसानों ने लघु सचिवालय का भी घेराव करते हुए लघु सचिवालय के बाहर क्रमिक अनशन शुरू कर दिया है। यूं तो पिछले सात दिनों से तीन हलकों के 80 गांव के किसान पानी की उचित व्यवस्था की मांग को लेकर धरने पर बैठे थे। लेकिन इन किसानों की सुध लेने के लिए ना ही कोई राजनेता आय़ा और ना ही किसी प्रशासनिक अधिकारी ने इनकी सुनवाई की। अब तो किसानों के चेतावनी दी है कि सरकार उनकी मांगों को नहीं मानती तो वो अपना आंदोलन तेज करेंगे।

इसके अलावा किसानों का ये भी कहना है कि जमीनी पानी नमकीन है और एक महीने में सिर्फ सात दिन ही नहर का पानी मिलता है। जिससे फसलें तो सूखने के कगार पर है और वो खुद पीने के पानी के लिए तरस रहे है।

हिसार में धरने पर बैठने से पहले किसान पिछले एक महीने से जिले के बुडाक गांव में लगातार धरने पर बैठे हैं। लेकिन प्रशासन ने उनकी कोई सुध नहीं ली। जिसके बाद किसानों से हिसार का रुख किया। आखिरकार किसानों से प्रदेश सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि जब तक उनकी मांगे नहीं मानी जाती, तब वो यहां से हटेंगे नहीं। बहरहाल, नई सरकार आने के इन्हें कुछ उम्मीदें जागी थी। लेकिन अभी तक इन्हें पिछली सरकार की तरह नई सरकार से बेरुखी ही मिल रही है।

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