कलायत में आधार कार्ड की योजना अधर में लटक गई है। ग्रामीणों का आरोप है कि वो बीडीपीओ कार्यालय में रोजाना आधार कार्ड बनवाने आते है लेकिन घंटो तक कतार में खड़े रहने के बावजूद भी उनका नंबर नहीं आता है जिससे रोजाना उन्हे खाली हाथ लौटना पड़ता है। यहां पर आधार कार्ड के लिए बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक लाईन में खड़े रहकर घंटों तक इंतजार करते हैं लेकिन अंत में उन्हे कार्ड बनने की बजाय कल आने का ही आश्वासन मिलता है।
अगर यहां पर आधार कार्ड बनाने वाले कर्मचारियों की माने तो मशीनों की कमी के चलते आधार कार्ड नहीं बन पा रहे हैं। हालांकि उन्होने उच्चाधिकारियो की भी इसकी जानकारी दी है। भारत सरकार ने आधार कार्ड के जरिये भले ही लोगों को एक यूनिक नंबर से जोड़ने की कोशिश की हो लेकिन धरातल पर ये योजना दम तोड़ती नजर आ रही है।