चंडीगढ़ः सुखना लेक पर बीमारी के लक्षणों वाली 13 बतखों से शहर में बर्ड फ्लू का अन्य पक्षियों और मानवों में फैलने का खतरा पैदा हो गया है। बर्ड फ्लू की यह पुष्टि केंद्रीय कृषि मंत्रालय के पशुपालन, डेयरी फार्मिंग एवं मछली पालन विभाग के संयुक्त सचिव ने विकास संगठन को भेजे गए पत्र में की है। इस प्रशासनिक कवायद में सेक्टर-16 के अस्पताल में भी अधिकारियों की लम्बी बैठक हुई और सावधानी बरतने की रूपरेखा तैयार की गई।
अस्पताल में आपातकाल के लिए विशेष वार्ड स्थापित किया है जहां डाक्टर नर्सिंग स्टाफ व पैथलॉजिस्ट 24 घंटे तैनात रहेंगे और फोन नंबर 102 पर हर समय फ्लू से संबंधित जानकारी ली जा सकती है।
सुखना लेक पर बीमारी के लक्ष्णों वाली 13 बतखों को बाकी बतखों से अलग आइस्लैंड शैल्टर में रखा गया है।संबंधित अधिकारियों का दावा कि सुखना झील से मृत बतखों में से 5 के परीक्षण पहले क्षेत्रीय रोग निदान प्रयोगशाला, जालंधर में किये गए व उसके बाद नेशनल इंस्टीच्यूट आफ हाई सिक्योरिटी एनीमल डीजिज़ भोपाल को नमूने भेजे गए थे। भोपाल में नवीनतम उच्च तकनीक उपकरण का उपयोग कर परीक्षण किया जाता है। यहां पर एक नमूने में बर्ड फ्लू होने की पुष्टि की गई।
झील में 100 से अधिक बतखों को लोगों से दूर करने के उपाय भी आरम्भ कर दिए गए हैं। संबंधित अधिकारियों का कहना था कि लोगों को उक्त एरिया से दूर रहने के लिए बोर्ड भी जल्द ही लगाए जायेंगे।