प्रदेश सरकार ने बावल-रेवाड़ी के 16 गांवों की करीब 3600 एकड़ जमीन का अधिग्रहण रद्द करने का फैसला लिया है। मंगलवार को चंडीगढ़ में हुई प्रदेश कैबिनेट की बैठक में ये फैसला लिया गया। बता दें कि करीब 3 साल पहले प्रदेश सरकार ने रेवाड़ी और बावल तहसील के अंतर्गत आने वाले 16 गांवों की 3664 एकड़ भूमि को अधिग्रहण किया गया था।

4 दिसंबर को इस जमीन का अवार्ड घोषित किया गया था । किसानों का कहना है कि 41 लाख रूपए एकड़ के हिसाब से मुआवजा बहुत कम है। इस जमीन के अधिग्रहण के विरोध और मुआवजा बढ़वाने की मांग को लेकर पिछली सरकार के दौरान उग्र प्रदर्शन भी हो चुके हैं। नई सरकार के मंत्रियों और विधायकों के एक प्रतिनिधिमंडल ने 17 दिसम्बर को ही किसानों के प्रतिनिधियों से इस बारे में बात की थी। लेकिन बात सिरे नहीं चढ़ी थी।

इसपर फैसला लेने के लिए वित्त मंत्री के नेतृत्व में एक कमेटी भी बनाई गयी थी। कल ही इस कमेटी ने तीन सुझावों के साथ अपनी रिपोर्ट सीएम को सौंप दी थी। इनमें एक सुझाव अधिग्रहण रद्द करने का भी था।

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