आज महाराजा सूरजमल का बलिदान दिवस है। एक शक्तिशाली हिंदु राज्य के संचालन के लिए उन्हें खास तौर पर जाना जाता है।  भरतपुर राज्य के संस्थापक होने के साथ-साथ वे पहले जाट-महाराजा भी थे।

उनके शासन का समय सन 1755 से सन 1763 तक रहा। बताया जाता है कि खेमकरण सोगरिया की फतहगढी पर आक्रमण करके 1743 में उन्होनें भरतपुर की नींव रखी थी।

उनके राज्य विस्तार में हरियाणा के गुड़गांव, रोहतक और रेवाड़ी का भी नाम आता है। 1761 में हुई पानीपत की लड़ाई में घायल और पराजित सैनिकों की सेवा और खान-पान की व्यवस्था भी उन्ही की ओर से की गई थी। ए-वन तहलका हरियाणा इस बहादुर सम्राट को श्रद्धांजलि देता है।

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