नांगल चौधरी में सरेआम फर्जी अस्पताल चल रहे हैं। यहां पर बिना डिग्री वाले डॉक्टर लोगों का इलाज कर रहे हैं। कोई भी अधिकारी जिम्मेदारी नहीं ले रहा है,जबकि जिला प्रशासन पूरी स्थिति पर मौन बना हुआ है। एक तरफ करोड़ों की लागत से अस्पताल बनवाए गए। अनेक जन कल्याणकारी योजनाएं शुरु की गई। लेकिन नांगल चौधरी और नारनौल में ये योजनांए कहीं नजर नहीं आ रहीं है।
यहां पर सरकारी अस्पताल में डॉक्टर नहीं है और प्राइवेट अस्पताल हैं, तो उनके पास मन्यता नहीं है। झोला छाप डॉक्टर इन सब परिस्थितियों का फायदा उठाकर यहां पर जमकर चांदी कूट रहे हैं। जबकि यहां के लोग मजबूरी में अपनी जान दांव पर लगाकर इलाज करवाने को मजबूर हैं।
जब हमारे संवाददता ने इसकी जमीनी सचाई जानने की लिए नांगल चौधरी के अस्पतालों का दौरा किया तो पाया कि नांगल चौधरी में 80 फीसदी अस्पताल ऐसे हैं। जहां न तो डॉक्टरों के पास डिग्री है। और ना ही अस्पतालों के पास सरकारी मान्यता। इस मामले की जानकारी लेने के जब हमारे संवाददाता ने उपायुक्त और विधायक से बात करने चाही तो उन्होने ये गलत है कह कर कैमरे के सामने बोलने से मना कर दिया।
भले ही राज्य सरकार बेहतर स्वास्थय सुविधांए देने के लाख दावे करें। पर जमीनी हकीकत यहीं है कि ग्रामीण क्षेतरों में अभी भी स्वास्थ्य सेवाओं की भारी कमी है।