खट्टर सरकार का रेवाड़ी और बावल की जमीन के अधिग्रहण रद्द करने के फैसला अब राजनीतिक रंग पकड़ने लगा है। इस अधिग्रहण को रद्द करने के बाद अब राजनीतिक पार्टियां खुलकर आमने-सामने भी आ गई है। बीजेपी सरकार के इस फैसले को कांग्रेस ने गलत बताया है। शनिवार को पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने बावल में जमीन अधिग्रहण रद्द करने को लेकर कहाकि इसे प्रदेश को नुकसान होगा ।
तो वहीं दूसरी तरफ मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने हुड्डा के बयान का पलटवार करते हुए कहा कि ये फैसला सरकार ने किसानों के हित में लिया है।
गौरतलब है कि करीब 3 साल पहले प्रदेश सरकार ने रेवाड़ी और बावल तहसील के अंतर्गत आने वाले 16 गांवों की 3664 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया गया था। 4 दिसंबर को इस जमीन का अवार्ड घोषित किया गया था। लेकिन इस फैसले से किसान खुश नहीं थे जिसके चलते लगातार विरोध प्रदर्शन हो रहे थे. तमाम गतिरोध को देखते हुए सरकार ने तीन सदस्यों की कमेटी गठित की थी। कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर ये अधिग्रहण रद्द किया गया है।